औरतों में बेहतरीन औरत कौनसी है ?
*بسمِ اللهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ* 💖
*الصلوة والسلام عليك يا رسول الله 🌹ﷺ🌹💚💖💚*
*औरतों में बेहतरीन औरत कौनसी है 👇*
_हुज़ूर ﷺ ने एक मर्तबा सहाबा से पूछा बेहतरीन औरत कौनसी है ,_
_सहाबा ए इकराम ने जवाब देने शुरू किए किसी ने कहा नमाज़ पढ़ने वाली करीम आका ﷺ ने कहा बात ठीक है लेकिन आप मेरी मुराद को नही पहुंचे,,_
_किसी ने कहा पर्दा करने वाली ,,
तो _किसी ने कहा बा पर्दा औरत,,
हुज़ूर ﷺ ने कहा बात आपकी ठीक है लेकिन आप भी मेरी_ मुराद को नही पहुंचे_
_उसी महफिल में हज़रत उमर भी बैठे हुए थे 😊आप फरमाते है मैं भी मुराद को पहुंच नही पा रहा था हालांकि शहरे इल्म के दरवाज़े का नाम मौला अली है 😊_
_हज़रत अली फरमाते है कद भी मेरा छोटा था बैठा भी मैं पीछे था और अल्लाह को हिक्मत भी थी जवाब कोई और दे ,,,_
_आप फरमाते है मैं वहां से गर्दन झुका कर चला आया और_ _फातिमा के हुजरे में चला आया_ ,
_हज़रत अली ने कहा फातिमा हुज़ूर ﷺ ने सवाल पूछा है सहाबा जवाब देते है लेकिन_
_सरकार ﷺ फरमाते है आप मेरी मुराद को नही पहुंचे_
_फातिमा ज़रा जल्दी से सवाल का जवाब दो ,,तो हज़रत फातिमा ना मुस्कुराने लगी ,😊कहने लगी मैं जवाब दूं कहा हां आप दो कहने लगी क्या फरमाए बेहतरीन औरत_ _कौनसी है अपने फरमाया सिम्पल सा जवाब है ,आपने दिया नही फरमाया बताओ तो सही ,,_
_फरमाया दुनिया की सबसे _बेहतरीन औरत वो है जिसे किसी गैर मेहरम मर्द ने ना देखा हो ,,,
और न उस औरत ने किसी गैर मेहरम मर्द को देखा हो ,,__
*हज़रत फातिमा ने बताया और का भी आंख का पर्दा है*
__और ये रिबायत अलग मौजूद है नाबीना सहाबी अब्दुल्लाह इब्ने_ _मकतूम आए है तो हुज़ूर ﷺ ने_
_हज़रत आयशा सिद्दीका और उम्मे सलमा से कहा के पर्दा_ करो ,,_
*सीरत निगारा में लिखा है*
_हुज़ूर ﷺ नाबीना सहाबी को लेकर हज़रत फातिमा के घर चले गए तो हज़रत फातिमा ने पर्दा_ _किया हुज़ूर ﷺ ने फरमाया बेटी ये तो नाबीना है ना ,, हज़रत फातिमा ने फरमाया अब्बा जान मुझे तो दिखाई दे रहा है ना ,,_
*हुज़ूर ﷺ ने जो कहा वो बात बाद में हज़रत फातिमा का पर्दा देखो*
तो _हज़रत अली फरमाते है फातिमा ने जवाब दिया के_ _बेहतरीन औरत वो जिसे किसी गैर मर्द ने ना देखा हो ,,_
_और उस बीबी ने भी किसी गैर मर्द को ना देखा हो ,,_
_हज़रत अली फरमाते है मैं फिर से उसी जगह आकार बैठ गया हुज़ूर ﷺ ने फरमाया आता है किसी को हज़रत अली फरमाते है मैने हाथ खड़ा किया ,,_
तो _हुज़ूर ﷺ मुस्कुराने लगे ,,
फरमाया बताओ तो मैने कहा हुज़ूर ﷺ बेहतरीन औरत वो है_ _जिसे किसी गैर मेहरम ने ना देख हो ,,और उसने भी किसी गैर को न देखा हो ,,,अच्छा ये थोड़ा_ _मुश्किल है के औरत ने गैर मर्द बंदा ना देखा हो ,,_
तो __हुज़ूर कहने लगे अचानक के फातिमा मेरे जिगर का टुकड़ा है
तो सहाबी कहने लगे के सवाल_ का _जवाब आपने बताया है_ लेकिन तारीफ फातिमा की हो रही है ,_
_तो हज़रत अली कहने लगे क्या करे हम बता उस नबी को रहे है जिसके सामने अल्लाह ने कोई पर्दा रखा ही नही है_
_फिर जब हज़रत फातिमा का इंतकाल का वक्त आया तो_ _आपने। , हज़रत असमा बिनते उमैस को बुलाया फरमाया तू मुझे गुस्ल देना ,,,_
_और फरमाया सिवाय मेरे शौहर मौला अली के किसी से मदद भी ना लेना ,,_
_और फरमाया मैनें हबशा के लोगो के बारे में सुना है वहां जब किसी खातून का जनाजा उठता है तो वो ऊपर से लचक वाली लकड़ी बाधते है ताकि किसी गैर की नज़र न पड़े_
_फरमाती है मैं अली से कह चुकी हूं तुझ से भी कहती हूं मेरा जनाज़ा रात को उठाना,,,_
_और लकड़ी लगा कर ऊपर से परदा कर लेना और फरमाया मेरे वजूद पर पड़ी हुई चादर पर भी किसी गैर की नज़र ना पड़े ,,_
_रात को मेरा जनाजा उठाना और रात को।मुझे दफ्न कर देना,,_
*हुज़ूर ﷺ के विसाल के 6 महीने बाद हज़रत फातिमा का जनाज़ा उठा,* ,तो _मस्जिदे नवबी शरीफ से एक शख्स उठा_ _अपनी दाढ़ी आंसुओं से भिगोता हुआ निकला ,_
_तो हज़रत अबूबक्र सिद्दिक ने पूछा क्यू नबी ﷺ के चचा अब्बास रोते क्यू हो ,,_
_तो हज़रत अब्बास कहने लगे पहले नबी ﷺ गए थे अब नबी पाक ﷺ की तस्वीर भी चली गई_
_मुस्तनद रिवायत से साबित है हज़रत अबूबक्र ने आपको नमाज़ ए जनाजा पढ़ाई,,,_
_और आपकी तदफीन से फारिग हुए तो ,, हज़रत अली की आंखो में आंसू थे किसी ने पूछा रोते क्यू हो फरमाया ,,,सिर्फ फातिमा नही गई वल्कि हुज़ूर ﷺ की उम्मत के_ _लिए दुआ करने वाला एक बड़ा हाथ रुखसत हो गया_ 💔😢
_हज़रत फातिमा ज़हरा ने 29 साल की उम्र शरीफ गुज़ारी,,_
_डॉक्टर इकबाल इसरारे बे खुदी में लिखते है फातिमा जो तूने किया वो किसी ने नहीं किया कहने लगे फातिमा जब तुझे_ _देखता हूं ना तो तड़प उठता हूं ,,
_कहते है फातिमा अगर मुझे मेरे हुज़ूर ﷺ की शरीयत मना न__ _करती ना तो मैं काबे का तवाफ न करता तेरी कब्र का तवाफ करता ,,_
_फातिमा तूने 29 साल में वो इन्कलाब बरपा किया उम्मत पर वो रहमत की_
*अली के घर की है इज़्ज़त अली से सुनते,,है*
*नबी ﷺ के घर की है इज़्ज़त नबी ﷺ से सुनते है ,,*
*वो जिसने मुअज़्ज़ किया ज़माने को हुसैन पाल के दिया ज़माने को ,*
_और मेरे आला हज़रत फाजिले बरेलवी फरमाते है ,,,_ 👇
_सय्यादा ज़ाहिदा तय्यबा ताहिरा जाने अहमद की राहत पे लाखों सलाम,,, फरमाते है जाने अहमद की जो राहत है हुज़ूर ﷺ की जो राहत है वो हज़रत फतिमातुज ज़हरा है ,,_
_अब हमारी कौम की बेटियों को इससे इबरत हासिल करनी_ _चाहिए और पर्दा करना चाहिए दो पैसे की की मोहब्ब्त और नफ्स की ख्वाहिश के लिए खुद की_ आखिरत बर्बाद न करे ,,, _दुनिया फानी है खत्म हो जाएगी आखिर मौत है कब्र में जाना_ _है ,,,अल्लाह हम सबको अमल की तौफीक अता फरमाए आमीन_!!!
Comments
Post a Comment